जीने की राह
पूज्य कबीर परमेश्वर जी ने कहा है कि :-
कबीर, मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले न बारं-बार।
तरवर से पत्ता टूट गिरे, बहुर ना लागे डार।
भावार्थ :- कबीर परमात्मा जी ने समझाया है कि हे मानव शरीरधारी प्राणी!
यह मानव जन्म (स्त्र/पुरूष) बहुत कठिनता से युगों पर्यन्त प्राप्त होता है। यह
बार-बार नहीं मिलता। इस शरीर के रहते-रहते शुभ कर्म तथा परमात्मा की भक्ति
कर, अन्यथा यह शरीर समाप्त हो गया तो आप पुनः इसी स्थिति यानी मानव
शरीर को प्राप्त नहीं कर पाओगे। जैसे वृक्ष से पत्ता टूटने के पश्चात् उसी डाल पर
पुनः नहीं लगता।
अवश्य देखिए
तत्वदर्शी संत का अनमोल सत्संग
1.साधना टीवी पर हर शाम 7:30 बजे से
2. श्रद्धा टीवी पर हर दोपहर 02:00 बजे से
मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए व समस्त बुराइयों से निदान पाने के लिए तथा सुखमय जीवन जीने के लिए संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा ग्रहण करें।
जगतगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम दीक्षा लेने के लिए कृपया यह फॉर्म भरें 👇🏻
http://bit.ly/NamDiksha
Kabir Is God
Comments
Post a Comment
सभी धर्म के शास्त्रों के ज्ञान के लिए हमसे जुड़े